जादुई कंचे
[ जादूई कंचे ]
पार्ट (5)
Recap.........
" रुको हुकाला" गुड्डू ने आवाज दी
लेकिन वह नहीं रुकता और तेज़ी के साथ भाग जाता है
बाकी मोनू के दादा के चार कंचे सुपर पावर टीम एक एक उठा लेती है
" इसका मतलब हुकाला हम पर नजर रखे हुआ था "
गुड्डू ने अपनी सुपर पॉवर टीम से कहा .…......
अब आगे......✍️
" सही कहा गुड्डू तुमने " पिंटू बोला ।
" चलो घर, इस हुकाला से तो बाद में निपट लेंगे "
गुड्डू ने अपनी सुपर पावर टीम से कहा ।
गुड्डू की सुपर पावर टीम घर को चल दी ।
" घर पहुंचकर हम इन कंचो को साफ करेंगे भाई "
गुड़िया ने साथ चलते चकते कहा ।
टीम के साथ गुड्डू घर पहुंचते ही नीचे रूम के बाहर लगा वाश बेसिन के पास जाता है और पॉकेट से वह अपना कंचा छोड़कर उन चारो कंचो को साफ करने लगता है साफ होकर कंचे हरे रंग में इतने खूबसूरत हो जाते है कि हर किसी को पसंद आ जाए तो वापस देने का दिल न करे ।
" देखना पिंटू "
" मेरे कंचे से ज्यादा खूबसूरत नही होगा " गुड्डू ने पिंटू को अपना लकी कंचा दिखाकर, तुलना करते हुए कहा "
हा हा हा हा हा पिंटू हंसा क्योंकि गुड्डू के लकी कंचे पर उन मोनू के दादा के कंचो की मिट्टी जो चिपक गई थी ।
पिंटू के मुंह को देखते हुए गुड्डू ने अपना लकी कंचा भी वॉश बेसिन पर पानी से साफ कर लिया और देखा कि लकी का कंचा भी वैसे ही चमक उठा जैसे वो चारो कंचे चमक रहे थे ।
उसके बाद गुड्डू ने वह अपना लकी कंचा उन कंचो के साथ हाथ में रखा उसमे से वैसे ही सभी कंचो से एक सुंदर सी चमकती हुई रोशनियां निकलने लगी जिससे गुड्डू को लगा शायद कुछ होने वाला है उसने अपना लकी कंचा हटा लिया तभी वह ज्यादा चमकने वाली चमकती हुई रोशनी निकालना बंद हो गई ।
" अरे वाह भाई " यह तो कमाल हो गया गुड़िया ने आश्चर्य से कहा ।
" एक बार फिर से अपना कंचा इन कंचो के साथ रखो "
गुड़िया ने गुड्डू से कहा ।
गुड़िया ने फिर से देखना चाहा कि ये कैसे हो सकता है भला लकी का कंचा आज तक इतना नही चमका जितना इन कंचो के साथ चमक रहा है ।
" लगता है ये कोई जादुई कंचे है " साइड में खड़ा पिंटू ने कहा
" मुझे भी लगता है ये कोई जादुई कंचे है तभी कुछ जायदा चमकीली रोशनी दे रहे है लेकिन मेरा कंचा क्यों चमक रहा है " गुड्डू ने पिंटू से कहा।
" देखते है आगे जाने क्या क्या और क्या क्या होगा " अलबेला ने कहा ।
" जादुई होते तो जादू होता न " तोता मिठ्ठू बोला ।
" जादू वादू कुछ नही है " पिंटू ने गुड्डू से कहा ।
गुड्डू आदेश देते हुए टीम से बोला - चलो हम मोनू के घर चलते है वही से इस रहस्य के बारे में पता चलेगा ।
गुड्डू ,अलबेला, पिंटू , गुड़िया और मिठ्ठू सब साथ साथ मोनू के घर पहुंचे ।
अलबेला ने जाकर दरवाजे पर जाकर "क्नॉक क्नॉक" बजाया ।
अंदर से मोनू की अम्मी ने दरवाजा खोला । गुड्डू को देखते ही वह पहचान गई पीछे से बेटा मोनू भी आ गया ।
गुड़िया को देखते ही मुस्कुराया और गुड़िया के पास आकर खड़ा हो गया ।
" आओ गुड्डू बैठो " सोफे की और इशारा करते हुए उस महिला ने कहा ।
" कैसे आना हुआ "
" सब ठीक तो है " महिला ने आश्चर्यपूर्वक पूछा ।
गुड्डू अपनी बात को महिला के सामने रखते हुए बोलता हैं
" मोनू की अम्मी हम यहां यह जानने के लिए आए है कि आपने जो मोनू के दादा के कंचे प्लाट वाले पार्क में फेंक दिए थे वह तो हमने ढूंढ लिए"
गुड्डू एक हाथ से पॉकेट में से कंचे निकालकर दिखाते हुए बोला -
यह इतना चमक कैसे रहे है, देखो ।
सब अचानक से गुड्डू की ओर देखते है
" गुड्डू मजाक अच्छा करते हो " महिला ने कहा ।
" हैं ह ह " गुड्डू ने जब कंचो पर नजर डाली तो बोला ।
" ये कैसे हो सकता है " गुड्डू ने महिला से कहा ।
" अलबेला, गुड़िया, पिंटू बताओ जरा "
" हां " हमने देखा जैसे कंचो में कोई जादुई शक्ति हो इस तरह से चमक रहे थे " पिंटू बोला ।
" हां मैने भी देखा जब इन कंचो को वाश बेसिन के पानी से धोया तो यह चमकने लगे " अलबेला बोला ।
अब तो महिला भी सोच में पड़ गई और सोचने लगी कि यह कैसी बाते कर रहे है
" क्या तुम सच बोल रहे हो " महिला बोली
गुड़िया दूसरी साइड मोनू को लिए सोफे पर बैठी हुई थी ।
" हा " हम सच बोल रहे है लेकिन पता नहीं अब क्यों नहीं चमक रहे "
" आइडिया ! गुड्डू बोला ।
" इन्हे हम दोबारा धोकर देखते है "
गुड्डू ने मोनू की अम्मी को कुछ पानी लाने के लिए कहा ।
मोनू की अम्मी रसोई से पानी का बोतल ले आई और गुड्डू को दे दी । गुड्डू ने अपना लकी कंचा दूसरे हाथ में लिया और बाकी कंचे फर्श पर रख दिए ।
" चलिए अब मैं इस पर पानी डालता हूं " गुड्डू बोला ।
पानी डालते ही कंचे फिर से चमकीले हो गए और हर एक एक कंचे से तेज रौशनी निकलना शुरू हो गई
यह देखकर महिला भी आश्चर्य में आ गई
गुड्डू ने फिर दूसरे हाथ से अपना लकी कंचा इन कंचो से मिलाया तो वह भी चमकीला हो गया।
" देखो मोनू देखो "
" चमकीले कंचे कैसे चमक रहे है"
गुड़िया, मोनू को कंचे दिखाते हुए बोली ।
गुड्डू ने कंचे हाथ में उठाए और कहा कि " अब इस चमकीली रोशनी से हमे इसका फायदा लेना चाहिए जिससे लोगो की मदद हो सके "
" लेकिन हम इससे मदद कैसे करेंगे गुड्डू "
पिंटू ने जवाब मांगा ।
" रात में जब मूंगा नगर की लाइट गुल हो जाती है उस समय अंधेरे में बहुत से चोर गिरोह सक्रिय हो जाते है जो लोगो को लूटते है जिन्हे हम आसानी से पकड़ सकते है और उन पर नजर रख सकते है "
" आज के बाद मूंगा नगर में कोई चोरी नही होगी "
गुड्डू ने जोश के साथ कहा ।
" ठीक है गुड्डू ये कंचे तुम रख लो
और लोगो की मदद करो " महिला ने कहा ।
गुड्डू ने कंचे जेब में रख लिए
" ठीक है तो हम चलते है " गुड्डू ने कहा ।
" बाय बाय मोनू "
गुड़िया ने मोनू से चलते चलते हाथ हिलाकर कहा ।
गुड्डू और उसकी सुपर पावर टीम घर से बाहर आई और अपने घर को चल दिए
रास्ते में गुड्डू ने एक बात और कही -
" इन कंचो में और भी कई राज होंगे जो शायद हमे समय समय पर मालूम होंगें "
" इसकी खोज भीं हमे समय रहते कर लेनी चाहिए वरना किसी के हाथ लग गए तो कोई इनका गलत इस्तेमाल न कर ले " गुड्डू ने टीम से कहा ।
तोता मिठ्ठू साथ साथ उड़ रहा था और घर करीब आ चुका था बाहर साइड में रुक कर गुड्डू को एक बात और याद आ गई
" पिंटू हमे अब सतर्क हो जाना चाहिए
क्योंकि एक कंचा हुकाला लेकर फरार हो चुका है कहीं उसको इस राज का पता चल गया तो वह नगर वासियों के घरों में चोरी करना शुरू कर देगा और नागवासियो का जीना मुश्किल कर देगा "
" ठीक कहा भाई तुमने " गुड़िया। ने कहा ।
" चलो अब घर में चले " गुड्डू ने कहा ।
उधर दूसरी ओर हुकाला उस कंचे को अपने पास रखे पानी के गिलास मे डाल देता है तुरंत ही गिलास रोशनी से भर उठता है
यह देखकर तो हुकाला चौंक उठा और उस कंचे को गिलास के पानी से बाहर निकाला और हाथ में लेकर देखने लगा ।
हुकाला अपने अड्डे( ठिकाने ) पर था जहां उसके दो चेले और थे एक का नाम " झिमकू " और दूसरे का नाम " झेला " था दोनो ही हुकाला के इशारे पर नाचते थे
" झिमकू" एक पतला और आधी मूछ रखने वाला चेला था और झेला मोटा( गोल मटोल) था जिसका एक दांत भी गायब था खाने का हमेशा भूखा रहता था कोई खाने की वस्तु दिखाई देती तुरंत झपट लेता।
और फिर वही कंचा हुकाला अपने दोनो चेलो को दिखाता है ।
" देखो यह मैं गुड्डू के हाथो से छीनकर लाया हूं "
" जरूर इसमें कोई रहस्य है "
" खैर अब ये मेरे पास रहेगा "
" और रात को " झिमकु के करीब आकर
" और रात को हम इसका फायदा उठाएंगे "
" जब भीं मूंगा नगर की लाइट गुल होगी "
" हम चोरी करेंगे, डाका डालेंगे "
" हुकाला, हा हा हा हा हा, हंसते हुए ).........
समाप्त शुक्रिया ✍️
लेखक : गुड्डू मुनीरी सिकंदराबादी
मोनू के दादा के जादूई कंचे में रोशनी का उत्पन्न होना यह समझा गया कि वह जादूई तो है लेकिन किस तरह का जादू है यह रहस्य अभी न गुड्डू को मालूम था और न ही हुकाला को इस रहस्य को जानने के लिए बने रहिए ।
आने वाला पार्ट (6) जरूर पढ़े ।
गुड्डू : द सुपर हीरो " रहस्य जादूई कंचे का"
Shnaya
07-Feb-2024 07:50 PM
Nice
Reply
Milind salve
05-Feb-2024 02:36 PM
Nice one
Reply
Gunjan Kamal
02-Feb-2024 03:15 PM
Nice
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